दो अप्रैल तक कोरोनाबंदी, मिलकर लडेंगे कोरोना से जंग

वायरस के खौफ का असर लगातार बढ़ रहा है। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने कोरोनाबंदी सरीखी सख्त एडवाइजरी जारी कर दी है। इसमें दो अप्रैल तक के लिए साफ साफ हिदायत है कि अगर एडवाइजारी के अनुसार, जारी बातों को नहीं माना गया तो निषेधाज्ञा के तहत धारा 188 में पाबंदी झेलनी पड़ेगी। इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट चंद्रभूषण सिंह ने निर्देश जारी किए हैं। इस आदेश के तहत जन्मदिन, शादी की वर्षगांठ पार्टी तक पर रोक लगाते हुए गेस्ट हाउस व मैरिज होम को सामाजिक, पारिवारिक व व्यावसायिक कार्यक्रमों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं, जिन घरों में शादी समारोह प्रस्तावित हैं, उनको सिर्फ 50 रिश्तेदारों संग शादी करने होगी। उसकी भी तीन दिन पहले अनुमति लेनी होगी। रिश्तेदारों की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। वहीं, बिजली विभाग के बिल ऑनलाइन ही भरे जाएंगे। इस तरह की अपील जारी की गई है।


दो अप्रैल तक इन निजी और सरकारी सेवाओं पर भी प्रतिबंध
जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के मुताबिक, चिकित्सा शिक्षा को छोड़कर सभी प्रकार के शैक्षणिक संस्थान, जिम, म्यूजियम, पर्यटन स्थल, सामाजिक केंद्र, स्वीमिंग पूल, सिनेमा हॉल व सिनेप्लेक्स, सभी विद्यालय, कोचिंग सेंटर व सार्वजनिक कार्यक्रम दो अप्रैल तक बंद रहेंगे। प्रदेश सरकार के निर्देशों पर कोरोना वायरस के बचाव और सावधानी के दृष्टिगत लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यह इंतजाम किए गए हैं। डीएम के मुताबिक राज्य सरकार के अधीन विश्वविद्यालय, बोर्ड व संस्थानों की सभी परीक्षाएं दो अप्रैल तक स्थगित की गई हैं। तहसील व समाधान दिवस भी स्थगित रहेंगे। आवश्यक बैठकें सीमित लोगों के साथ ही की जाएं तथा जहां तक संभव हो तो वीडियो कांफ्रें सिंग के माध्यम से की जाएं।
खेल आयोजन भी स्थगित किए गए हैं। सामाजिक कार्यक्रमों में 20 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते। वहीं, होटल व गेस्ट हाउस में ठहरे लोगों को अंदर ही रहने की सलाह दी गई है। सभी होटल संचालकों से उनके यहां ठहरे व्यक्तियों की जानकारी मांगी गई है। अलीगढ़ शहर में सिटी मजिस्ट्रेट, एसीएम प्रथम व द्वितीय को उनके काउंटर पार्ट पुलिस अधिकारी के साथ प्रभारी अधिकारी को नामित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम व तहसीलदार अपने काउंटर पार्ट पुलिस अधिकारी के साथ इन निर्देशों का पालन कराएंगे। यदि कोई निर्देशों का पालन नहीं करता तो उसके विरुद्ध आईपीसी की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।